गांवों से सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री गांवों में काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रामीण भत्ता दें : डीटीएफ

उन्होंने कहा, कर्मचारियों का शहरों में काम करने का चलन बढ़ने से गांव पिछड़ जायेंगे
शांति भत्ता सहित ग्रामीण भत्ता, सीमा भत्ता तुरंत बहाल किया जाए: डीटीएफ
श्री मुक्तसर साहिब, 09 अगस्त, 2023
पिछली सरकारों की तर्ज पर पंजाब सरकार भी राज्य के सुदूर ग्रामीण और सीमावर्ती इलाकों में सेवाएं दे रहे शिक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को इन क्षेत्रों में दिए जाने वाले विशेष भत्तों को तर्कसंगत बनाने के नाम पर रोककर घोर आर्थिक शोषण कर रही है।
डीटीएफ पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम देव सिंह, महासचिव अश्वनी अवस्थी वित्त सचिव अश्वनी अवस्थी, प्रेस सचिव पवन कुमार, राज्य कमेटी सदस्य परमत सिंह और जिला श्री मुक्तसर साहिब के महासचिव कुलविंदर सिंह ने कहा कि पंजाब का छठा वेतन आयोग दो साल से अधिक समय बाद रिपोर्ट जारी होने के बाद भी भत्तों में कटौती अभी तक लागू नहीं की गई है। युक्तियुक्तकरण का बहाना ग्रामीण भत्ता और सीमा भत्ता रोके जाने के कारण कर्मचारियों का शहरी क्षेत्रों में सेवा करने का रुझान बढ़ गया है। नेताओं ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी है कि इससे सीमावर्ती क्षेत्रों के गांव और गांव और पिछड़ जाएंगे। पंजाब के मुख्यमंत्री भले ही अपनी सरकार गांवों से चलाने का दावा करते हों, लेकिन भत्तों को लेकर सरकार की ओर से अपनाई जा रही नीति के कारण कर्मचारी खासकर शिक्षक गांवों में काम करने से कतरा रहे हैं.
खट्टा हो गया है वे शहरी क्षेत्रों में स्थानांतरित होने के इच्छुक हैं क्योंकि ग्रामीण कर्मचारियों को मूल वेतन का दो प्रतिशत से आठ प्रतिशत तक कम मिल रहा है। नेताओं ने गांवों से सरकार चलाने वाले मुख्यमंत्री भगवंत मान से मांग की कि वे गांवों में काम करने वाले कर्मचारियों को ग्रामीण भत्ता तुरंत जारी करें ताकि गांवों में सेवा करने वाले कर्मचारी गांवों में सेवा करने के लिए प्रेरित रहें।
इस संबंध में डीटीएफ श्री मुक्तसर साहिब के जसवंत सिंह, रवि कुमार, पवन चौधरी, राजविंदर सिंह, कंवलजीत पाल, सुरिंदर कुमार, रविंदर सिंह, नरिंदर सिंह, मनदीप सिंह ने पंजाब सरकार से ग्रामीण भत्ता, सीमा क्षेत्र भत्ता की पुरजोर मांग की। भत्ते, 4-9-14 एसीपी योजना, महंगाई भत्ते की बकाया किस्तें, पुरानी पेंशन योजना को जल्द से जल्द लागू किया जाए ताकि कर्मचारियों को उनका वाजिब हक मिल सके।