केजरीवाल को बड़ा झटका, सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की मांग खारिज की

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. उन्होंने अंतरिम जमानत की अवधि बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट रजिस्ट्री ने केजरीवाल की अर्जी स्वीकार करने से इनकार कर दिया. क्योंकि केजरीवाल को नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की छूट दी गई है. ऐसे में केजरीवाल की अर्जी सुनवाई लायक नहीं है. अब सीएम केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करना होगा.
केजरीवाल को न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने 10 मई को अंतरिम जमानत दी थी और 2 जून को तिहाड़ जेल में आत्मसमर्पण करने को कहा था। 17 मई को पीठ ने पीएमएलए मामले में ईडी द्वारा उनकी गिरफ्तारी की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट की दूसरी बेंच ने भी केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया और उन्हें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पास जाने को कहा.
केजरीवाल ने याचिका में क्या कहा?
अरविंद केजरीवाल ने अचानक 6 से 7 किलो वजन कम होने के कारण कई मेडिकल जांच कराने के लिए अंतरिम जमानत सात दिन बढ़ाने का अनुरोध किया था। केजरीवाल ने 26 मई को दायर अपनी याचिका में कहा था कि वह जेल लौटने के लिए अदालत द्वारा तय की गई तारीख 2 जून के बजाय 9 जून को आत्मसमर्पण करना चाहते हैं।
याचिका में कहा गया है कि उनका वजन 6 से 7 किलोग्राम कम हो गया है और उनके कीटोन का स्तर बहुत अधिक है, जो क्रोनिक किडनी रोग, हृदय रोग और यहां तक कि कैंसर का संभावित संकेत है। याचिका में कहा गया है कि मुख्यमंत्री को पीईटी-सीटी स्कैन समेत कुछ मेडिकल टेस्ट कराने की जरूरत है। पीईटी-सीटी स्कैन-पॉज़िट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी-एक कंप्यूटेड टोमोग्राफी परीक्षण है जो शरीर के अंगों और ऊतकों की विस्तृत तस्वीरें लेता है।
10 मई को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के मद्देनजर प्रचार करने के लिए 1 जून तक यानी 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, जिसके मुताबिक उन्हें 2 जून को जेल लौटना होगा. केजरीवाल को उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था। कोर्ट ने निर्देश दिया था कि केजरीवाल 2 जून को सरेंडर करें. इससे एक दिन पहले सातवें और आखिरी चरण का मतदान होना है.