केंद्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान अविकानगर के हिमाचल प्रदेश राज्य के कुल्लू जिले मै स्थित उत्तरी शीतोष्ण केंद्र गढ़सा मै आज 61 वां स्थापना दिवस

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भारतीय क़ृषि अनुसन्धान परिषद, नई दिल्ली से मुख्य अतिथि श्रीमान जी. पी. शर्मा, सयुंक्त सचिव वित्त व विशिष्ट अतिथि श्रीमान पी. के. तिवारी वरिष्ठ वित्त एवम लेखाधिकारी ने भाग लिया l संस्थान के निदेशक डॉ अरुण कुमार तोमर ने संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र उत्तरी शीतोष्ण केंद्र, गडसा, कुल्लू हिमाचल पधारने पर सभी अतिथि का स्वागत किया l तथा संस्थान व क्षेत्रीय केंद्र की देश के किसानो को भेड़, बकरी व खरकोश के उन्नत पशुओ का वितरण, अन्य सेवा एवम भारत सरकारी की विभिन्न सामाजिक उपयोजन के माध्यम से विभिन्न जाति के किसानो की आजीविका बढ़ाने मै संस्थान द्वारा की जा रही गतिविधि के बारे मै विस्तार से बताया l

तथा हिमाचल प्रदेश के किसानो तक भी संस्थान की शान अविशान भेड़ पहुंच रही है l ऒर भविष्य मै राज्य के भेड़ व खरकोश पालन करने वाले सभी किसानो को संस्थान व उसके क्षेत्रीय केंद्र से पूरी तरह की जानकारी दी जावगी l निदेशक मोहदय ने अनुसूचित जाति उपयोजना के द्वारा चल रहे 5 दिवसीय उन्नत भेड़ एवं खरगोश पालन एवम प्रबंधन पर मौजूद सभी प्रशिक्षणार्थियों को निवेदन किया कि संस्थान की उन्नत पशुओ व तकनीकीयों का फायदा लेते हुए देश के विकास में भागीदार बने ऒर वर्तमान मै वैज्ञानिक पशुपालन पर ध्यान दें l क्षेत्रीय केंद्र के 61 वे फाउंडेशन डे पर उपस्थित अतिथियों ने संस्थान के कार्यों की प्रशंसा करते हुए परिषद की तरफ से सभी तरह के सहयोग के लिए आश्वस्त किया l

कार्यक्रम में पधारे अतिथियों ने क्षेत्रीय केंद्र के विभिन्न सेक्टरों पर पशुओं व खरगोश के सेक्टर्स का भ्रमण किया l ऒर संस्थान के क्षेत्रीय केंद्र के पशुओ की परफॉरमेंस से प्रभावित हुए एवम संस्थान के निर्देशक की कार्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की l 61 में फाउंडेशन डे पर उत्तरी शीतोष्ण केंद्र के प्रभारी डॉ हरिओम चतुर्वेदी व अन्य वैज्ञानिकों डॉ रजनी चौधरी, डॉक्टर अब्दुल रहीम ने क्षेत्रीय केंद्र की गतिविधि से सभी कार्यक्रम में पधारे अतिथियों को अवगत कराया एवम निदेशक मोहदय, वित्त एवं लेखाधिकारी डॉ सत्यवीर सिंह डांगी के कार्यक्रम मै पधार कर क्षेत्रीय केंद्र की प्रोग्रेस के मूल्यांकन करने के लिए धन्यवाद दिया l

अनुसूचित जाति के सभी प्रशिक्षणार्थियों को कार्यक्रम मै उपस्थिति सभी विषय विशेषज्ञ द्वारा उन्नत भेड़ व खरकोश पालन पर विस्तृत संवाद दोनों तरफ से किया गया l निदेशक ने प्रोग्रेसिव प्रगतिशील किसानों की सफलता की कहानी सुनकर आजीविका कमाने के लिए प्रेरित किया l जिससे आने वाले भविष्य हम देश के प्रधानमंत्री की सोच, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को पूरा कर सकें l तथा संस्थान के रीजनल स्टेशन गडसा, कुल्लू की विजिट के दौरान वैज्ञानिक डॉ सत्यवीर सिंह डांगी, फार्मर फर्स्ट परियोजना प्रधान अन्वेषक अविकानगर व सुमेर सिंह राव ऒर गडसा के अन्य सभी प्रशासनिक, एवं सहायक कर्मचारी भी मौजूद रहे

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