किसानों पर अत्याचार कर मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कल भारतीय न्यायालय के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा.
नई दिल्ली, 23 फरवरी, डब्लूएसओ के सह-समन्वयक भाई गुरचरण सिंह गुराया ने प्रेस को दिए एक अज्ञात बयान में कहा कि मानवतावादी मोदी, अमित शाह और हरियाणा की तानाशाह तानाशाह सरकार इसका इस्तेमाल कर रही है। उनकी शक्ति। जो किसान अपनी जायज मांगों के लिए संघर्ष करने के लिए दिल्ली जा रहे थे, उन्हें पंजाब और हरियाणा सीमा पर रोक दिया गया और उनके साथ बुरा व्यवहार किया गया जैसे कि वे भारत के नागरिक नहीं बल्कि किसी प्रतिद्वंद्वी देश के नागरिक हों। युवा शुभकरन सिंह की हत्या कर दी गई और सैकड़ों लोग मारे गए किले के रास्ते में कंटीले तारों के पार जाकर गैस के गोलों से कई किसान घायल हो गए, जो अत्यंत निंदनीय है और अंतरराष्ट्रीय चार्टर के अनुसार मानवाधिकारों के घोर उल्लंघन और किसानों के खिलाफ है। न्यायप्रिय जर्मन के समर्थन से विदेशों में लोगों, सांप्रदायिक संगठनों, सिख संगठनों के साथ सहानुभूति रखने और उनकी आवाज बनने के लिए 24 फरवरी, शनिवार को दोपहर 1 बजे से शाम 4 बजे तक फ्रैकफोर्ट में भारतीय वाणिज्य दूतावास के सामने विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जहां हिंसा हुई थी। शिकार किसानों के पक्ष में हां की हुंकार, भाजपा सरकार की किसानों, मजदूरों और अल्पसंख्यक समुदाय के प्रति नीतियों का पर्दाफाश हो जाएगा। ये नीतियां देश को विनाश की ओर ले जाएंगी। श्रमिकों, क्या हर मध्यम वर्ग के लोग इससे प्रभावित होंगे, जिसका सीधा फायदा पूंजीपति पूंजीपति वर्ग को होता है। विदेश में रहने वाले हर पंजाबी को, जो देश की जनता से प्यार करता है, पंजाब में किसानों पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ लड़ना चाहिए। साथ ही बचे हुए संघर्षशील लोगों के पक्ष में हां में हां मिलाना चाहिए और पार्टीवाद से ऊपर उठकर उनकी मदद करनी चाहिए। गुटबाजी दिल्ली सरकार को यह बताने के लिए कि भले ही हम विदेश में रह रहे हैं, लेकिन हम पंजाब देश की रीढ़ किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। आइए हरियाणा सरकार द्वारा दिल्ली में संघर्ष करने जा रहे किसानों को रोकने के लिए अपनाए गए कठोर शब्दों की कड़ी निंदा करें और शनिवार को इंडियन काउंसिल फ्रैकफोर्ट के सामने हो रहे विरोध प्रदर्शन में अधिक से अधिक शामिल हों।