किसानों की हड़ताल के बीच पंजाब में घटी गैस-डीजल की सप्लाई, बढ़ी कमी!

देश में एक बार फिर किसान आंदोलन की गूंज सुनाई दे रही है. पंजाब-हरियाणा से हजारों की संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पहुंचे हैं. जहां वे दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं. पुलिस ने सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया है. सड़क पर कंक्रीट के बैरिकेड्स लगाए गए हैं. बैरिकेडिंग के कारण किसान अपने ट्रैक्टर लेकर आगे नहीं बढ़ रहे हैं. इसी बीच पंजाब को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया है कि किसानों के चल रहे विरोध के कारण पंजाब को 50 फीसदी कम डीजल और 20 फीसदी कम गैस भेजी जा सकती है. सूत्रों की मानें तो किसान आंदोलन के कारण डीजल और गैस की आपूर्ति में दिक्कत आ रही है. किसान सड़कों पर हैं, जगह-जगह बैरिकेड्स लगाए गए हैं, जिससे उन्हें सप्लाई मिलने में दिक्कत आ रही है. ऐसे में पंजाब को 50 फीसदी कम डीजल और 20 फीसदी कम गैस की आपूर्ति की गई है.
एक दर्जन से ज्यादा मांगों को लेकर किसान सड़कों पर हैं
दरअसल, न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी समेत एक दर्जन से ज्यादा मांगों को लेकर किसान सड़कों पर उतरे हैं. पंजाब के किसान अंबाला के रास्ते दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे हैं. उधर, अंबाला में शंभू बॉर्डर पर पुलिस ने भारी बैरिकेडिंग कर दी है, जिसके कारण किसान आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं. किसानों के विरोध को देखते हुए पुलिस की ओर से आंसू गैस के गोले भी छोड़े गए. इसके बाद भी किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं और आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं.
किसानों के दिल्ली कूच से पहले कल सोमवार को केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच चंडीगढ़ में बैठक भी हुई. पांच घंटे तक चली इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल भी शामिल हुए. लंबी बातचीत के बाद भी सरकार और किसानों के बीच बैठक बेनतीजा रही. बताया गया कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और कर्ज माफी संबंधी सरकार का प्रस्ताव स्वीकार्य नहीं है.
अनिल विज ने कहा- लगता है किसानों का कोई और मकसद है
किसानों के विरोध प्रदर्शन पर हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा, वे केंद्र सरकार से बात करना चाहते थे, केंद्र सरकार (अधिकारी) यहां बात करने आए हैं। दो बार बातचीत हो चुकी है और वे आगे की बातचीत से इनकार नहीं कर रहे हैं, फिर भी वे दिल्ली जाने पर अड़े हुए हैं. वे दिल्ली क्यों जाना चाहते हैं? ऐसा लगता है कि उनका कोई और उद्देश्य है. हम शांति भंग नहीं होने देंगे. उन्हें अपना कॉल वापस लेना चाहिए.’