कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमित शाह को लिखा पत्र, कहा- वायनाड भूस्खलन को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करें

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर वायनाड भूस्खलन को सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) के दिशा-निर्देशों के तहत गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने की मांग की, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सांसदों से तत्काल सहायता मिल सके. बता दें, 30 जुलाई की सुबह वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला में दो बड़े भूस्खलन हुए, जिससे भारी तबाही हुई. इस हादसे के मद्देनजर बचाव अभियान लगातार चालाए जा रहे हैं. वहीं, इस प्राकृतिक आपदा को लेकर राजनीति भी गर्म है और क्षेत्र के लिए वित्तीय सहायता जुटाई जा रही है.
इस आपदा को देखते हुए सोशल मीडिया एक्स की एक पोस्ट में थरूर ने एक पत्र शेयर करते हुए लिखा ‘बुधवार 31 जुलाई को अमित शाह जी को मेरा पत्र, जिसमें वायनाड भूस्खलन को एमपीएलएडी दिशानिर्देशों के तहत गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने की मांग की गई है, ताकि प्रभावित क्षेत्रों में सांसदों से तत्काल सहायता मिल सके @Rao_InderjitS.’
थरूर ने बुधवार को एक पत्र में लिखा कि 30 जुलाई की रात को केरल के वायनाड जिले में विनाशकारी भूस्खलन की एक श्रृंखला ने सौ से अधिक लोगों की जान ले ली. कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि अनगिनत लोग मलबे के नीचे फंसे हुए है जिन्हें फिलहाल लापता माना जा रहा है. अकल्पनीय अनुपात की इस आपदा ने मौत और विनाश की एक दर्दनाक कहानी छोड़ दी है. सशस्त्र बलों, तटरक्षक बल, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और अन्य एजेंसियों से जुड़े बचाव अभियान प्रकृति की अनिश्चितताओं के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखे हुए हैं. भूस्खलन ने अनगिनत लोगों के जीवन पर कहर बरपाया है, और ऐसे में वायनाड के लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है. आपदा इतनी बड़ी है कि समाज के सभी वर्गों से समन्वित और उदार प्रतिक्रिया की आवश्यकता है.
उन्होंने गृह मंत्री से इस घटना को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने का आग्रह किया. थरूर ने पोस्ट में कहा कि इस आपदा के मद्देनजर, मैं आपको एमपीएलएडी दिशा-निर्देशों के पैराग्राफ 8.1 के अनुसार इस घटना को गंभीर प्रकृति की आपदा घोषित करने के लिए लिख रहा हूं, जिसके तहत संसद सदस्य प्रभावित जिलों और क्षेत्रों के लिए अपने एमपीएलएडी फंड से 1 करोड़ रुपये तक के कार्यों की सिफारिश कर सकते हैं. इच्छुक सांसद तब इस त्रासदी से प्रभावित क्षेत्रों में राहत और पुनर्वास कार्यों के लिए उदारतापूर्वक धन का योगदान कर सकेंगे. यह निश्चित रूप से बचाव, राहत और पुनर्वास के लिए किए जा रहे श्रमसाध्य प्रयासों का समर्थन करने में अमूल्य होगा. मुझे उम्मीद है कि आप इस अनुरोध पर अपना दयालु और सहानुभूतिपूर्ण विचार करेंगे.