कहर बनकर टूटेगा बिपरजॉय तूफान, 150 की रफ्तार से चलेगी हवा, ट्रेनें रद्द, कई राज्यों में अलर्ट
अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान बिपरजॉय जल,थल,नभ पर कहर बनकर टूटने वाला है. चक्रवाती तूफान को देखते हुए देश के कई राज्यों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है. केंद्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने राज्यों के मौसम केंद्रों को अलर्ट मोड पर रहने के लिए निर्देश जारी कर दिए हैं. इसी के साथ ही समुद्र तट वाले जिलों में भी हाई अलर्ट घोषित किया गया है. यहां पर एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और सेना ने अपना मोर्चा संभाल लिया है. मछुआरों को समुद्र में जाने के लिए साफ तौर पर मना कर दिया गया है और सख्ती बरतने के निर्देश दिए गए हैं.
बिपरजॉय का असर देश के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है. गुजरात में मौसम पूरी तरीके से बदल चुका है. सौराष्ट्र और कच्छ के इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. प्रदेश में फिलहाल अधिकतम तापमान 43 डिग्री से अधिक बना हुआ है. चक्रवाती तूफान के कारण आने वाले दिनों में राहत के आसार बनते नजर आ रहे हैं.
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय का असर राजस्थान में भी देखने को मिलेगा. राज्य के उदयपुर और जोधपुर, बीकानेर संभाग में इसका बड़ा असर होगा. अभी ईस्ट सेंट्रल अरब सागर की खाड़ी में तूफान बना हुआ है और धीरे-धीरे उत्तर दिशा की ओर बढ़ रहा है. 15 जून को गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ से तूफान टकराएगा. मौसम विभाग द्वारा इसके सीवियर साइक्लोनिक स्टॉर्म के रूप में पहुंचने की संभावना व्यक्त की गई है.
इसके असर से 15 और 16 जून को जोधपुर, उदयपुर संभाग में तेज आंधी और बारिश का एक सिस्टम बनेगा. 17 जून को भी तूफान का असर प्रदेश में रहेगा. जोधपुर, उदयपुर, अजमेर संभाग में भारी बारिश की संभावना मौसम विभाग द्वारा जारी की गई है.
आईएमडी के अनुसार, चक्रवात ‘बिपारजॉय’ के एक ‘‘बेहद गंभीर चक्रवात’’ के रूप में 15 जून की शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र तथा कच्छ के तटों को पार करने की संभावना है. इस दौरान 125-135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लेकर अधिकतम 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक हवाएं चलने के आसार हैं.
चक्रवाती तूफान Biporjoy के चलते अब तक कई लोगों को स्थानांतरित किया गया जा चुका है.
– जूनागढ़, कच्छ , जामनगर, पोरबंदर , द्वारका, सोमनाथ, मोरबी और राजकोट में लोगों को स्थानांतरित किया गया है.
– चक्रवर्ती तूफान प्रभावित 8 जिलों में NDRF की 17 और SDRF की 12 टीमें तैनात की गई हैं.
– NDRF की कच्छ में चार, देवभूमि द्वारका में तीन, राजकोट में तीन , जामनगर में दो,जूनागढ़ पोरबंदर, गिरसोमनाथ, मोरबी और वलसाड में 1-1 टीम तैनात है.
– बड़ौदा में तीन और गांधीनगर में एक टीम को स्टैंडबाई रखा गया है.
– SDRF की कच्छ, जामनगर और द्वारका में दो-दो टीम, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी, पाटन और बनासकांठा में 1-1 टीम तैनात की गई है.
– सूरत में एक टीम को रिजर्व रखा गया है.