उत्तर भारत का पहला तिरुपति बालाजी मंदिर जम्मू में भक्तों के लिए खुला
केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के जम्मू में गुरुवार (8 जून 2023) को भगवान तिरुपति बालाजी के मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया गया। यह उत्तर भारत में तिरुपति बालाजी का पहला मंदिर है और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इसका उद्घाटन किया है। उद्घाटन के मौके पर केंद्रीय मंत्री जी कृष्ण रेड्डी सहित अन्य नेता और अधिकारी भी मौजूद थे।
यह मंदिर 62 एकड़ भूमि पर बनाया गया है और इसे बनाने में लगभग 25 करोड़ रुपए की लागत आई है। मंदिर के निर्माण में दो साल का समय लगा है। इस मंदिर का उद्घाटन गृहमंत्री अमित शाह को करना था, लेकिन किसी कारण से वे नहीं आ पाए।
हालाँकि, तिरुपति बालाजी मंदिर की तर्ज पर बनाए गए इस मंदिर के उद्घाटन के दौरान गृहमंत्री अमित शाह वर्चुअली जुड़े। उन्होंने कार्यक्रम को संबोधित किया और मंदिर का कपाट खुलने पर लोगों को शुभकामनाएँ दीं। अमित शाह ने कहा कि वह जब भी प्रदेश दौरे पर आएँगे तो इस मंदिर में दर्शन करने के लिए जरूर आएँगे।
तिरुपति बालाजी के मंदिर को सिद्दड़ा के मजीन गाँव में बनाया गया है। बुधवार (7 जून 2023) को मंदिर में आठ और छह फुट की भगवान वेंकटेश्वर की मूर्तियाँ प्रतिष्ठित की गईं। मंदिर के मुख्य गर्भगृह में 8 फुट ऊँची भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति प्रतिष्ठापित की गई है। वहीं, गर्भगृह के बाहर 6 फुट ऊँची प्रतिमा स्थापित की गई है।
#WATCH | Jammu: Visuals of Tirupati Balaji temple, which will be inaugurated virtually by Union Home Minister Amit Shah today
The temple has been built on 62 acres of land with approx cost of Rs 25 crores and construction work was completed in a span of two years pic.twitter.com/OJFYWdprmJ
— ANI (@ANI) June 8, 2023
#UPDATE | J&K L-G Manoj Sinha inaugurates the Tirupati Balaji temple in Jammu's Sidhra
The temple has been built on 62 acres of land with approx cost of Rs 25 crores and construction work was completed in the span of two years pic.twitter.com/qYniVLUp7k
— ANI (@ANI) June 8, 2023
इन मूर्तियाँ का निर्माण ग्रेनाइट से किया गया है। ये मूर्तियाँ आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर से लाई गई हैं। प्राण-प्रतिष्ठा का काम 6 मई 2023 से शुरू हो गई थी और इसके लिए विशेष पूजा शुरू की गई थी। मूर्तियों की स्थापना आंध्र प्रदेश से आए लगभग 45 विद्वानों ने वैदिक मंत्रों के साथ पूजा-अर्चना के बाद मूर्तियाँ स्थापित की थीं।
इस मंदिर का निर्माण तिरुमाला तिरुपति देवस्थान बोर्ड द्वारा कराया गया है। जून 2021 में मंदिर का शिलान्यास किया गया था। इसके बाद आंध्र प्रदेश के 50 से अधिक कारीगरों ने निर्माण शुरू किया था। पहले चरण में भगवान बालाजी का मंदिर, पुजारियों और बोर्ड के स्टाफ के लिए आवास और पार्किंग आदि बनाई गई है। दूसरे चरण में वेद पाठशाला, आध्यात्मिक केंद्र आदि बनाए जाएँगे।