इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की,ज्ञानवापी में सर्वे का काम जारी रहेगा

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प्रयागराज: ज्ञानवापी परिसर में एएसआई सर्वे को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। हाईकोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिच करते हुए एएसआई को सर्वे जारी रखने की इजाजत दे दी है। इससे पहले 27 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान सभी पक्षों की जिरह सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और अगले आदेश तक ASI सर्वे पर रोक बरकरार रखा था। लेकिन आज अदालत में अपने फैसले में एएसआई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे करने की इजाजत दे दी है।

इससे पहले वाराणसी जिला कोर्ट ने एएसआई सर्वे की मंजूरी दी थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के पास स्थित मां श्रृंगार गौरी-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे ज्ञानवापी परिसर की पुरातात्विक जांच का आदेश दिया गया था। वाराणसी जिला कोर्ट ने  एएसआई को 4 अगस्त तक अपनी रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। लेकिन इस मामले में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी ने हाईकोर्ट में अपील की और एएसआई सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी।

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है।

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा- ‘मैं आदेश का स्वागत करता हूं। मुझे विश्वास है कि ASI के सर्वेक्षण से सच्चाई सामने आएगी और इस विवाद का भी निस्तारण होगा।”

हाईकोर्ट में दो दिनों तक इस मामले पर जिरह हुई थी। सभी पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी थी। एक पक्ष जहां एएसआई सर्वे पर जोर दे रहा था वहीं दूसरा पक्ष एएसआई सर्वे का विरोध कर रहा था। इस दौरान कोर्ट में एएसआई के अधिकारी भी मौजूद थे। एएसआई के अधिकारियों का कहना था कि सर्वे से ढांचे को किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होगा।

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