आज के विश्व की मांग -शांति अमन व भाईचारा ना कि हथियार

रागा, न्यूज़, चंड़ीगढ़।
अखिल भारतीय शांति और एकजुटता संगठन की नेशनल कांफ्रेंस चंडीगढ़ में
ला भवन में आयोजित की गई। बैठक में एप्सो के राष्ट्रीय महासचिव पल्लव सेन और अरुण कुमार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर प्रकाश डाला।
6 देशों नेपाल, वियतनाम, ग्रीस,क्यूबा,बांग्लादेश व श्रीलंका के 13 व भारतवर्ष के 270 डेलिगेट्स में एकमत से पूरे विश्व में शांति अमन व भाईचारा की मांग की । पूरे दिन के हुए कई सेशन के मंथन के बाद निष्कर्ष निकाला कि हथियारों का कोई अंत नहीं है और जंग के बाद भी फिर से आपसी सन्धि व बातचीत से ही मसलों को सुलझाया जाता है तो फिर पहले ही क्यों नहीं।
कार्यक्रम के3
पहले दिन वियतनाम के ट्रान डेक लोई, नेपाल के रविंद्र अधिकारी , क्यूबा से विक्टर फिडेल , श्रीलंका से बुद्धिक पत्रिक व बांग्लादेश से हसन तारीख विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
इस मौके पर
अखिल भारतीय शान्ति और एकजुटता संगठन एप्सो की राष्ट्रीय परिषद की नेशनल कांफ्रेंस के पहले दिन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य में शांति,एकजुटता आंदोलन की भावी रणनीति तैयार करने पर मंथन हुआ । बैठक में एप्सो का राष्ट्रीय नेतृत्व भागीदारी कर रहा है,जिसमें देश के सभी राज्यों के लगभग 200 प्रतिनिधि शामिल हैं। नेशनल कांफ्रेंस की क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में एप्सो के राष्ट्रीय महासचिव पल्लव सेन भी उपस्थित रहे। एप्सो के राष्ट्रीय महासचिव पल्लव सेन और अरुण कुमार ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने साम्राज्यवादी और साम्प्रदायिक संकीर्णतावादी ताकतों से शांति, भाईचारा और एकजुटता पर मंडरा रहे गंभीर खतरों से बचने के लिए शांति और एकजुटता आंदोलन को तेज करने का आह्वान किया।
बैठक में आदि नेताओं ने उपस्थित रहकर कार्यक्रम को सफल बनाने का संकल्प लिया।
एडवोकेट एच एस बाठ ने राज्य और देश भर में संकीर्णतावादी ताकतों के ख़िलाफ़ व्यापक जनांदोलन छेडऩे का आह्वान किया।