अमृतवेले दा हुकमनामा श्री दरबार साहिबजी, श्री अमृतसर, आंग 514, 25-07-2024

अमृतवेले दा हुकमनामा श्री दरबार साहिबजी, श्री अमृतसर, आंग 514, 25-07-2024
स्लोकू एम: 3 वाहु वाहु आपी अखैदा गुर सबदी सचु सोई। वाह वाह गुणवत्ता सलाह गुरुमुखी बूझाई कोई॥ वाहू वाहू बानी सच है. नानक वाहु वाहु कर्तव्य प्रभु पा करमि प्राप्ति होइ।।
एक (दुर्लभ) गुरुमुख समझता है कि ‘वाह वाह’ कहना भगवान की स्तुति करना है, वह सच्चा प्रभु स्वयं सतगुरु के शब्द के माध्यम से (मनुष्य से) ‘वाह वाह’ कहता है (अर्थात् भगवान की स्तुति का रूप है)। भगवान, (इसके साथ) भगवान में सद्भाव है. हे नानक! (प्रभु की) स्तुति करने से व्यक्ति भगवान से मिलता है; (लेकिन, यह स्तुति) भगवान की कृपा से आती है 1.
भगवान आपका भला करे!!
क्या जीत है!
RAGA NEWS ZONE
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