अमृतपाल पर हर तरफ से कसा शिकंजा, धर्म की आड़ में बचना मुश्किल, अकाल तख्त प्रमुख बोले- सरेंडर कर दो
करीब 20 दिनों से फरार चल रहे कट्टरपंथी उपदेशक और खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह (Amtritpal Singh) का दिल्ली से वापस पंजाब पहुंचने वाला आखिरी पैंतरा भी आज फेल हो गया. अमृतपाल को आखिरी बार जब होशियारपुर में देखा गया और जिस तरह से उसने एक के बाद दो मोबाइल वीडियो जारी कर धर्म की आड़ में बचने की कोशिश की वो कोशिश लगभग आज खत्म हो गई. अब अकाल तख्त में प्रमुख ने भी साफ कह दिया कि अमृतपाल को सरेंडर कर देना चाहिए.
पंजाब पुलिस (Punjab Police) से लेकर सेंट्रल एजेंसियों की निगाहें भी आज की अकाल तख्त की मीटिंग पर टिकी हुई थीं और किसी बिल में छुपकर बैठा अमृतपाल भी आज की मीटिंग पर पैनी नजर बनाए हुए था कि उसको लेकर तख्त का रुख आखिर क्या होता है. हालांकि अमृतपाल को लेकर ज्यादा कुछ तो तख्त ने नहीं कहा पर सवालों के जवाब में इतना जरूर साफ कर दिया कि उसे सरेंडर कर देना चाहिए.
वैशाखी पर सरबत खालसा न होने से लगा झटका
भगोड़े अमृतपाल को दूसरा झटका तब लगा जब लगभग यह साफ हो चुका है कि वैशाखी पर सरबत खालसा नहीं होगा. जबकि अमृतपाल शरबत खालसा की डिमांड कर धर्म की आड़ में न केवल बचने की कोशिश और वारिस पंजाब दे में अपने वजूद को बनाए रखने की जद्दोजहद में था. ऐसे में अब अमृतपाल आखिर कब तक कानून से भागता फिरेगा.