अनुपालन में देरी करने वाले विभागों को मिली चेतावनी, Chandigarh News: चंडीगढ़ में वायु गुणवत्ता सुधार पर जोर
चंडीगढ़: शहर में वायु प्रदूषण नियंत्रण उपायों की प्रगति की समीक्षा के लिए वायु गुणवत्ता निगरानी समिति (एक्यूएमसी) की 11वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता चंडीगढ़ प्रदूषण नियंत्रण समिति (सीपीसीसी) के सदस्य सचिव व पर्यावरण निदेशक सौरभ कुमार,ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य चंडीगढ़ में प्रदूषण नियंत्रण कार्य योजना के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा करना था। इसमें नगर निगम, शहरी नियोजन विभाग, एसटीए, ट्रैफिक पुलिस, पीजीआईएमईआर, पंजाब यूनिवर्सिटी, पेक, भारतीय रेल और अन्य संस्थानों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) के तहत चल रही पहलों की समीक्षा की गई और वायु गुणवत्ता सुधार के लिए सशक्त कदमों पर चर्चा हुई।
अध्यक्ष सौरभ कुमार ने कहा कि अधिकांश विभागों द्वारा प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन कुछ विभागों की ओर से अनुपालन में देरी पर चिंता जताई गई। उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित विभाग वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 31-ए के तहत जारी निर्देशों का तत्काल पालन सुनिश्चित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आगे भी देरी हुई तो संबंधित विभागों पर पर्यावरण मुआवजा लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए समयबद्ध और सामूहिक कार्रवाई आवश्यक है। प्रत्येक विभाग को जिम्मेदारी के साथ समन्वित रूप से कार्य करना होगा ताकि शहर की वायु गुणवत्ता में निरंतर सुधार सुनिश्चित किया जा सके। बैठक के दौरान वायु गुणवत्ता सुधार के लिए कई ठोस दिशा-निर्देश जारी किए गए। सीपीसीसी और नगर निगम चंडीगढ़ को सभी निर्माण स्थलों का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए, ताकि सीएंडडी वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स, 2016 का पूर्ण पालन सुनिश्चित हो सके। साथ ही, हल्लोमाजरा–ट्रिब्यून चौक मार्ग पर टर्शरी ट्रीटेड वाटर से सड़क धोने की योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू करने का निर्णय लिया गया।
अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया कि नगर निगम दिसंबर के प्रारंभ तक डस्ट सप्रेशन उपकरणों की खरीद प्रक्रिया पूरी करे और लीगेसी वेस्ट हटाने व केंद्रीय सड़क डिवाइडरों पर हरियाली विकसित करने के कार्यों में तेजी लाई जाए। सभी विभागों को अपने डस्ट मिटिगेशन प्लान और एक्शन टेकन रिपोर्ट को अद्यतन कर सीपीसीसी को प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। इसके अलावा, सभी विभागों को निर्देश दिया गया कि वे वायु प्रदूषण नियंत्रण और निवारण के प्रति जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) गतिविधियाँ आयोजित करें। अध्यक्ष ने कहा कि चंडीगढ़ ने अब तक वायु गुणवत्ता सुधार में सराहनीय प्रगति की है, लेकिन आत्मसंतुष्टि की कोई गुंजाइश नहीं है। उन्होंने सभी विभागों से तेजी और आपसी समन्वय से कार्य करने का आग्रह किया, ताकि एनसीएपी के तहत हासिल प्रगति को बनाए रखा जा सके। बैठक के अंत में सीपीसीसी को निर्देश दिया गया कि वह प्रगति की कड़ी निगरानी करे और अगली AQMC बैठक में समेकित अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
