अतीक-अशरफ हत्याकांड: सुप्रीम कोर्ट का UP सरकार से सवाल- माफिया भाइयों की परेड क्यों करवाई?
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार से सवाल किया कि अतीक और अशरफ अहमद को एंबुलेंस में अस्पताल के गेट तक क्यों नहीं ले जाया गया. खूंखार गैंगस्टरों के मारे जाने की शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता वाली स्वतंत्र समिति से जांच कराने की याचिका पर सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने पूछा, ”उनकी परेड क्यों कराई गई?’ न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट्ट और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की बेंच ने यह भी पूछा कि शूटर्स को कैसे पता चला कि अतीक और अशरफ को चिकित्सकीय परीक्षण के लिए ले जाया जाएगा?
अदालत ने योगी आदित्यनाथ सरकार को प्रयागराज में मोती लाल नेहरू अस्पताल के पास 15 अप्रैल को हुई शूटिंग की जांच के लिए अब तक उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देते हुए एक व्यापक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया. पीठ ने कहा, ‘हलफनामे में पहले हुई घटनाओं के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में भी बताना होगा और न्यायमूर्ति डॉ चौहान आयोग की रिपोर्ट के अनुसार क्या कदम उठाए गए, इसके बारे में भी जानकारी देनी होगी. यूपी सरकार तीन सप्ताह के बाद इन्हें सूचीबद्ध कर सकती है.’
याचिकाकर्ता ने यूपी सरकार के जांच आयोग पर सवाल उठाया और कहा कि इस हत्याकांड में राज्य सरकार की भूमिका भी संदेह के दायरे में है. माफिया ब्रदर्स को पत्रकारों की भेष में आए तीन हमलावरों ने मीडिया कर्मियों और पुलिस भी मौजूदगी में पॉइंट-ब्लैंक रेंज से गोली मार दी थी. दोनों की मौके पर ही मौत हो गई थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली यूपी सरकार ने अतीक और अशरफ की हत्या की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. हत्याकांड के तीनों आरोपी अरुण मौर्य, सन्नी सिंह और लवलेश तिवारी को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया गया था. अहमद बंधुओं को 16 अप्रैल को प्रयागराज के कसारी-मसारी कब्रिस्तान में दफनाया गया था.