अगले चार दिनों तक कहीं हल्की तो कहीं भारी बारिश की चेतावनी

जून में 70% वर्षा की कमी को सहन करने के बाद, मध्य भारत के राज्यों में इस सप्ताह दक्षिण-पश्चिम मानसून दस्तक देने के लिए तैयार है। मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) वर्तमान में रत्नागिरी (महाराष्ट्र), बीजापुर (कर्नाटक), निज़ामाबाद (तेलंगाना), दुर्ग (छत्तीसगढ़), डाल्टनगंज (झारखंड), बक्सर (बिहार) और सिद्धार्थनगर (उत्तर प्रदेश) से होकर गुजर रही है। इसका मतलब यह है कि यह अब मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के द्वार पर दस्तक दे रहा है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, अगले दो दिनों के दौरान छत्तीसगढ़ के कुछ और हिस्सों और पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं और इसके परिणामस्वरूप, इस क्षेत्र में सप्ताहांत में देश भर में सबसे तीव्र वर्षा की गतिविधि देखी जा सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले दो दिनों के दौरान दक्षिण पश्चिम मॉनसून छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, झारखंड के बाकी हिस्सों, बिहार के कुछ और हिस्सों, पूर्वी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों में पहुंच सकता है। इसके अलावा, अगले तीन से चार दिनों के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में मॉनसून आगे बढ़ सकता है। अगले पांच दिनों तक पूर्व मध्य भारत और उत्तर पश्चिम भारत के राज्यों में भारी बारिश की गतिविधियां जारी रहेंगी।
विशेष रूप से, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मंगलवार (27 जून) तक हल्की या मध्यम से व्यापक वर्षा के साथ अलग-अलग स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश (64.5 मिमी-224.5 मिमी) का अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही इन राज्यों में, गरज के साथ बारिश और बिजली गिरने की भी संभावना है।
इसके अलावा, शनिवार (24 जून) को छत्तीसगढ़ में अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश (224.5 मिमी से अधिक) होने की संभावना
आईएमडी ने इन दोनों राज्यों को आने वाले दिनों में विभिन्न अलर्ट के तहत रखा है। छत्तीसगढ़ को अगले पांच दिनों यानी मंगलवार (27 जून) तक ऑरेंज अलर्ट पर रखा गया है। वहीं, रविवार (25 जून) से मध्य प्रदेश भी इस अलर्ट में शामिल हो जाएगा। इस पूर्वानुमान अवधि के दौरान अन्य सभी भागों को येलो अलर्ट के अंतर्गत रखा गया है।
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तीव्र बारिश की वजह से अचानक बाढ़, जलभराव, भूस्खलन और कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंच सकती है, स्थानीय लोग इन उपायों से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
मौसम विभाग ने कहा है कि
कमज़ोर संरचनाओं में रहने से बचें
आंधी या बिजली गिरने की गतिविधियों के दौरान आश्रय लें
किसानों को आंधी या बिजली गिरने के दौरान खेतों में काम करने से बचना चाहिए।
किसान फिलहाल बीज बोना स्थगित करें; यदि पहले ही बोया जा चुका है, तो खेत में पानी जमा न होने दें और बोए गए क्षेत्र को प्राकृतिक मल्चिंग सामग्री जैसे पुआल, खेत के अवशेष आदि से ढक दें।