मुख्तार अंसारी को वापस नहीं ला सकते…बेटे उमर की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में क्या हुआ?

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गैंगस्टर मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी की साल 2023 की याचिका पर सुनवाई की. इस याचिका में उन्होंने मांग की थी कि उनके पिता की जान को खतरा है, इसलिए उन्हें यूपी जेल से ट्रांसफर किया जाए. मामले की सुनवाई जस्टिस ऋषिकेष रॉय और एसवीएन भट्टी की बेंच कर रही है। बता दें कि इसी साल मार्च में मुख्तार अंसारी की हिरासत में मौत हो गई थी.
सुप्रीम कोर्ट को बताया गया कि गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को जेल में जहर दिया गया था और उनके बेटे उमर अंसारी अपने पिता की मौत की जांच की मांग करना चाहते हैं। उमर अंसारी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उस व्यक्ति को वापस जेल ले जाया गया और उसकी मौत हो गई। जांच होनी चाहिए. वहां उसे जहर दे दिया गया.
इस देश में इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता.
इस पर जस्टिस रॉय ने कहा कि सिब्बल जी, हम उन्हें वापस नहीं ला सकते. सिब्बल ने कहा कि इस देश में इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जा सकता. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) नटराज ने कहा कि शुरुआती मांग का समाधान कर लिया गया है. सिब्बल ने कहा कि याचिकाकर्ता को जिसका डर था वही हुआ.
जेल में आवश्यक चिकित्सा उपचार से वंचित
जस्टिस रॉय ने कहा कि सिब्बल का कहना है कि दोषी को जेल में जरूरी इलाज नहीं दिया गया और इस वजह से हिरासत में उसकी मौत हो गई. कोर्ट ने रिट याचिका में संशोधन की मांग करते हुए नोटिस जारी किया है. सिब्बल ने कहा कि आरोप है कि उन्हें जो खाना दिया गया उसमें जहर मिलाया गया था. अदालत ने यह तर्क दर्ज किया कि यह सिर्फ एक मौत नहीं थी बल्कि जेल प्रशासन द्वारा की गई विशेष कार्रवाई का परिणाम थी।