दिल्ली शराब घोटाला मामला: CM केजरीवाल को नहीं मिली राहत, न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ी

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कथित आबकारी मामले में घोटाले के आरोप के चलते गिरफ्तार किया था, जिसके बाद अब राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 3 जुलाई तक बढ़ा दी है. सीएम अरविंद केजरीवाल देश में लोकसभा चुनाव के चलते 1 जून तक अंतरिम जमानत पर बाहर आए थे, जिसके बाद उन्हें फिर जेल जाना पड़ा था.

राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल को जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया. दरअसल, इस मामले में अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत आज बुधवार को खत्म हो रही थी. राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी हिरासत बढ़ा दी है, जिसके बाद वह अब 3 जुलाई तक जेल में ही रहेंगे.

कोर्ट में ईडी की तरफ से पेश ASG (ADDITIONAL SOLICITOR GENERAL) एसवी राजू ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को CBI मामले में गिरफ्तार नहीं किया गया है, यह ED का मामला है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि इसकी जरूरत नहीं है. ASG ने एक फैसला पढ़ते हुए कहा कि अनुसूचित अपराध में आरोपी होने की जरूरत नहीं है. वह अभी भी PMLA के तहत आरोपी हो सकता है. CBI का मामला है कि अरविंद केजरीवाल ने रिश्वत मांगी, उन्होंने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी. ASG ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने आम आदमी पार्टी के लिए फंड मांगा.

कोर्ट ने पूछा कि अरविंद केजरीवाल को समन भेजने के मामले में कोर्ट ने किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है? ASG ने कहा कि इसे आदेश के लिए रखा जाता है. कोर्ट ने कहा कि अगर आदेश के लिए रखा जाता है, तो हमें आदेश की कॉपी चाहिए. मैं इसे संदर्भ के लिए देखना चाहता हूं. कोर्ट ने ASG से अरविंद केजरीवाल द्वारा उठाए गए मुद्दों पर बहस करने को कहा. कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि आप उन विशिष्ट आधारों का खंडन करें जो उन्होंने उठाए हैं.

ASG ने कहा कि अगर वो PMLA के तहत किसी अपराध के लिए दोषी है, तो उन्हें जमानत नहीं दी जा सकती है. कानून के अनुसार आपको यह दिखाना होगा कि आप PMLA के तहत दोषी नहीं हैं. ASG ने आगे कहा कि उनका कहना है कि मैं किसी अपराध में शामिल नहीं हूं, IPC अपराध में शामिल नहीं हूं, लेकिन यह प्रासंगिक नहीं है. अगर कोई अपराध है जो दर्शाता है बेशक आप वहां थे. ASG ने कहा कि CBI ने अरविंद केजरीवाल की भूमिका का खुलासा किया है.

उन्होंने यह तर्क नहीं दिया कि वे दोषी हैं या नहीं. साथ ही उन्होंने कहा कि गवाह के बयान की विश्वसनीयता ट्रायल का मामला है. ASG ने कहा कि उन्होंने जो दूसरा तर्क दिया वो यह था कि पहले से ही सामग्री उपलब्ध थी. यह PMLA के तहत ज़मानत देने का कारण नहीं है. समय अप्रासंगिक है.

ASG ने कहा कि उन्होंने कहा कि आपने मुझे इसलिए गिरफ़्तार किया क्योंकि आप नहीं चाहते थे कि मैं चुनाव में हिस्सा लूं. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले का ध्यान रखा है. ASG ने अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया और कहा कि सरेंडर की अवधि नहीं बढ़ाई गई है. कृपया शर्तों पर गौर करें.यह आदेश केवल उन्हें चुनाव प्रचार करने की अनुमति देने के लिए था. ASG ने आगे कहा कि केजरीवाल अंतरिम जमानत को आगे बढ़ाना चाहते थे, लेकिन उनकी जमानत खारिज कर दी गई.

ASG ने कहा कि केजरीवाल को पता था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वरूप अलग था, इसलिए उन्होंने मेडिकल आधार पर याचिका दायर की, उस आदेश को चुनौती नहीं दी गई है. यह कोई नियमित अंतरिम जमानत नहीं थी, यह केवल चुनावों के लिए दी गई थी. अरविंद केजरीवाल के वकील विवेक जैन ने कहा कि हमने मामले की मेरिट के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कभी भरोसा नहीं किया.

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