जातिगत जनगणना को लेकर केंद्र सरकार पर बरसे जयराम रमेश, पीएम मोदी से कर दी ये बड़ी मांग
कांग्रेस के सीनियर नेता और महासचिव जयराम रमेश ने जनगणना के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने पीएम मोदी की नीतियों पर भी सवाल उठाया. उन्होंने जनगणना में ओबीसी के लिए अलग से कॉलम देने और उनका डेटा जुटाने को भी जरूरी बताया है.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “भारत में हर दस साल में नियमित रूप से जनगणना होती रही है. पिछली जनगणना 2021 में होनी थी, लेकिन नहीं हुई. 2021 की जनगणना न होने का मतलब है कि आर्थिक प्लानिंग और सामाजिक न्याय के कार्यक्रमों के लिए ज़रूरी महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र नहीं की जा सकी है. उदाहरण के लिए, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013/पीएम ग़रीब कल्याण अन्न योजना के तहत 12 करोड़ से ज़्यादा भारतीयों को उनका कानूनी हक़ नहीं मिल पा रहा है.”
उन्होंने आगे लिखा है, “अब ऐसी ख़बरें हैं कि केंद्र सरकार अगले कुछ महीनों में इस लंबे समय से लंबित और अस्वीकार्य रूप से विलंबित जनगणना को करवा सकती है. 1951 से हर जनगणना में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों की आबादी के बारे में जातिवार डेटा एकत्र किया जाता रहा है… बिना किसी परेशानी के सिर्फ एक अतिरिक्त कॉलम जोड़कर जनगणना की प्रश्नावली में OBC आबादी के बारे में भी जातिवार डेटा एकत्र किया जा सकता है. ऐसा होने से जाति जनगणना की व्यापक मांग पूरी होगी और सकारात्मक कार्य वाले कार्यक्रमों को और मजबूत आधार मिलेगा. जनगणना संविधान की सातवीं अनुसूची के क्रमांक 69 में सूचीबद्ध है. यह केंद्र सूची के अंतर्गत आता है जिसका अर्थ है कि जनगणना कराना सिर्फ केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.”