जम्मू-कश्मीर में कैसे हुआ कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस का गठबंधन? अंदरूनी खबर
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के जम्मू-कश्मीर दौरे का असर दिखा. आखिरकार जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) और सीपीएम के गठबंधन का ऐलान हो गया. हालांकि पीडीपी को लेकर अभी तस्वीर साफ नहीं है. बुधवार को अपने दौरे में बदलाव करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जम्मू की बजाय श्रीनगर पहुंचे.
इससे पहले गठबंधन को लेकर पर्दे के पीछे से कांग्रेस और एनसी नेता लगातार संपर्क में थे। श्रीनगर में रात में राहुल और खड़गे लाल चौक गए और वज़वान और आइसक्रीम खाकर मजे किए. शायद यह इस बात का संकेत था कि राजनीतिक माहौल सही दिशा में जा रहा है। फिर गुरुवार सुबह होते-होते राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच ऐलान किया कि गठबंधन होगा और कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया जाएगा.
कांग्रेस ने शुक्रवार को स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक बुलाई
इसके बाद खड़गे-राहुल टीम के साथ सीधे फारूक अब्दुल्ला के घर पहुंचे, जहां उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे. जब ये बैठक चल रही थी तभी टीवी 9 को दिल्ली के सूत्रों से गठबंधन के बड़े संकेत मिले. शुक्रवार सुबह 11.30 बजे जम्मू-कश्मीर में 10 उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के लिए जल्दबाजी में एक स्क्रीनिंग कमेटी का गठन किया गया और उसी शाम नामों को अंतिम रूप देने के लिए दोपहर 3 बजे केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई। पहले चरण में कुल 24 उम्मीदवारों का चयन किया गया है.
दूसरी ओर, श्रीनगर में घंटे भर चली बैठक की तस्वीरों में शायद वही बयान सामने आ रहा है जो फारूक अब्दुल्ला ने कुछ देर बाद घोषित किया था. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और सीपीएम के बीच गठबंधन हो गया है. पीडीपी के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमारे दरवाजे किसी के लिए बंद नहीं हैं.
कांग्रेस को मिल सकती हैं इतनी सीटें
सूत्रों के मुताबिक, एनसी के उमर अब्दुल्ला कांग्रेस को 90 में से 25-30 सीटें देने को तैयार थे. इसके साथ ही कांग्रेस 90 में से 40 सीटों की मांग कर रही थी. इस तरह कांग्रेस को करीब 35 सीटें मिल सकती हैं. साथ ही एक सीट सीपीएम के यूसुफ तारिगामी को दी जाएगी. यह स्वाभाविक है कि कांग्रेस जम्मू और एनसी श्रीनगर में अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेगी।
कांग्रेस चाहती है कि पीडीपी को भारतीय गठबंधन में शामिल किया जाए, लेकिन उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस को दोगलापन देते हुए कहा कि बीजेपी के साथ सरकार बनाने के बाद महबूबा मुफ्ती बदनाम हो गई हैं.
महबूबा मुफ्ती की बेटी इलतजा पर चर्चा
ऐसे में कांग्रेस ने महबूबा मुफ्ती से अपनी बेटी इल्तजा को आगे करने को कहा, जिस पर महबूबा राजी हो गईं. अब कांग्रेस ने एनसी से महबूबा की बजाय इल्तजा पर बात करने को कहा है. उमर अब्दुल्ला इल्तजा के नाम पर भी पीडीपी के साथ नहीं जाना चाहते, लेकिन फारूक अब्दुल्ला ने इल्तजा को लेकर कांग्रेस को सकारात्मक संकेत दिए हैं.
ऐसे में कांग्रेस ने एनसी से पीडीपी के साथ आने को कहा, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उसने इल्तजा और मजबूत पीडीपी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने का फॉर्मूला सुझाया, हालांकि एनसी ने इस पर अपना दरवाजा नहीं खोला है. अब है शायद इसीलिए गठबंधन का ऐलान तो हो गया है, लेकिन पीडीपी कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगी, इस पर अभी सस्पेंस सामने नहीं आया है.