गर्मी से बढ़ा बिजली संकट, खपत में भारी बढ़ोतरी, एआईपीईएफ ने की कार्यालय समय बदलने की मांग

पंजाब में भीषण गर्मी के कारण बिजली की खपत में बढ़ोतरी देखी जा रही है. एक ओर जहां घरेलू मांग बढ़ी है, वहीं दूसरी ओर धान की खेती के कारण खेतों में बिजली की मांग भी बढ़ी है. बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखा है.
पत्र में मुख्यमंत्री से धान की कटाई को पंजाब के अन्य हिस्सों में 25 जून तक स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है. फेडरेशन के मुताबिक 25 जून से पहले धान की रोपाई की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. इसके अलावा पानी की अधिक खपत करने वाले पूसा 44 पर भी सख्त प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.
गर्मी ने बिजली की मांग बढ़ा दी है
जानकारी के मुताबिक लगातार गर्मी और धान के सीजन के कारण राज्य में बिजली की खपत में 43 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. स्थिति यह है कि जून 2023 में जहां बिजली की सर्वाधिक मांग 11309 मेगावाट दर्ज की गयी थी, वहीं इस बार यह 15775 मेगावाट दर्ज की गयी है. आने वाले दिनों में इसके और बढ़ने की संभावना है.
दफ्तरों का समय बदलने की भी मांग की गई
ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन ने चिंता जताई है कि अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में ग्रिड पर लोड बढ़ने से न सिर्फ पंजाब बल्कि पूरे देश में गंभीर बिजली संकट पैदा हो सकता है. इसे देखते हुए फेडरेशन ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर तत्काल प्रभाव से पंजाब में कार्यालय समय को सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक बदलने का सुझाव दिया है।
फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे के मुताबिक दफ्तरों के साथ-साथ शॉपिंग मॉल और दुकानें भी शाम सात बजे तक बंद कर दी जानी चाहिए। साथ ही, उद्योगों पर पीक लोड प्रतिबंध होना चाहिए। सबसे महत्वपूर्ण पहल केंद्रीय पूल से पंजाब के लिए अतिरिक्त 1000 मेगावाट बिजली की व्यवस्था करना है। सरकार को इस संबंध में तुरंत केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से संपर्क करना चाहिए।
बिजली गुल हो सकती है
फेडरेशन के मुताबिक, बिजली आपूर्ति और उपलब्धता की मौजूदा स्थिति को देखते हुए, जून के अंत तक पंजाब भर में धान की बुआई शुरू होने पर गंभीर बिजली संकट होने की पूरी संभावना है। इसलिए स्थिति को सही दिशा में लाने के लिए फेडरेशन द्वारा सुझाए गए कदम तत्काल प्रभाव से उठाने की जरूरत है.